कमरे में ले जाकर बच्ची के साथ की दरिंदगी, अब अदालत ने सुनाई ये सजा

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Desk News: कोर्ट ने 47 वर्षीय व्यक्ति को रेप मामले में 10 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज संजय कुमार वी खोंगल ने अपराधी पर 6 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। वहीं, आदेश दिया कि जुर्माने की राशि वसूलने के पश्चात् पीड़िता को मुआवजे के रूप में 5 हजार रुपये दिए जाएं।

 

अदालत को विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश पाटिल ने बताया कि वर्ष 2016 में सुरक्षा गार्ड ने 7 वर्षीय बच्ची का बलात्कार किया था। अपराधी एवं पीड़िता एक ही क्षेत्र में रहते थे। पीड़िता के पिता भी सुरक्षा गार्ड का काम करते थे। दरअसल, 3 फरवरी 2016 को जब बच्ची की मां पानी लाने बाहर गई तो अपराधी किसी बहाने से पीड़िता को अपने घर ले गया तथा फिर उसके साथ बलात्कार की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। जब लड़की की मां वापस लौटी तो उसने अपनी बेटी को अपराधी के घर पर पाया।

 

अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि लड़की ने बाद में पेट दर्द की शिकायत की तथा घटना के बारे में अपनी मां को बताया, तत्पश्चात, पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई तथा अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले की सुनवाई के चलते कोर्ट ने कहा कि पीड़ित पक्ष ने संदेह से परे अपराधी के खिलाफ सभी आरोप साबित कर दिए हैं। अब आरोपी दोषी ठहराए जाने और सजा दिए जाने की आवश्यकता है। तत्पश्चात, दोषी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई तथा उस पर 6 हजार रुपए का जुर्माना ठोका गया।

साथ ही अदालत ने प्रदेश सरकार से पीड़िता को मुआवजा देने तथा उसका पुनर्वास करने के लिए भी कहा। जज ने अपने आदेश में कहा, पीड़िता एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। उसके साथ जो कुछ हुआ, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती है, मगर फिर मुआवजा कम से कम कुछ सांत्वना अवश्य देगा। पीड़िता एवं उसके परिवार ने बहुत कुछ झेला है। इसलिए अदालत का मत है कि पीड़िता को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए मुआवजा दिया जाना चाहिए।

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