Ajit Pawar Profile: 1982 में शुगर फैक्ट्री बोर्ड के अध्यक्ष बने, 5 बार विधायक, 16 साल तक सहकारी बैंक के अध्यक्ष, जानिए अजित पवार का राजनीतिक सफर

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Ajit Pawar Profile: एनसीपी नेता अजित पवार ने फिर पार्टी से बगावत की है। अजित अपने समर्थक 30 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। अजित ने महाराष्ट्र सरकार में शामिल होकर डिप्टी सीएम की भी शपथ ले ली है। अजित पवार के बाद छगन भुजबल समेत एनसीपी के 9 विधायक महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। अपने 41 साल के राजनीतिक करियर में वे अभी तक कई महत्‍वपूर्ण पदों पर रहे हैं। जानिये उनके जीवन और राजनीतिक करियर के बारे में कुछ बातें।

1982 से किया राजनीतिक सफर आरंभ

अजित पवार ने 1982 में राजनीति में कदम रखा। तब वे एक को-आपरेटिव शुगर फैक्‍टरी के बोर्ड के लिए चुने गए थे। इसके बाद वे 1991 में पुणे जिला सहकारी बैंक (पीडीसी) के अध्यक्ष के रूप में चुने गए और 16 वर्षों तक इस पद पर रहे। इस अवधि के दौरान उन्हें बारामती संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य के रूप में भी चुना गया। बाद में उन्होंने अपने चाचा शरद पवार के समर्थन में अपनी लोकसभा सीट खाली कर दी, जो उस समय पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में रक्षा मंत्री बने थे। इसके बाद उन्हें बारामती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधान सभा (एमएलए) के सदस्य के रूप में चुना गया। पवार 1995, 1999, 2004, 2009 और 2014 में उसी निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुने गए। इसके अलावा वे सुधाकरराव नाइक की सरकार में कृषि और बिजली राज्य मंत्री बने।

शरद पवार सीएम बने तो अजित का कद बढ़ा

जब शरद पवार मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में लौटे तो अजित पवार का भी राजनीतिक कद व पद बढ़ा। वे मृदा संरक्षण, बिजली और योजना राज्य मंत्री बने। जब 1999 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सत्ता में आया तो विलासराव देशमुख की सरकार में पवार को सिंचाई विभाग (अक्टूबर 1999 – दिसंबर 2003) में कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया। सुशील कुमार शिंदे की सरकार में उन्हें ग्रामीण विकास विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। 2004 में जब कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सत्ता में लौटा तो उन्होंने देशमुख सरकार में और बाद में अशोक चव्हाण सरकार में जल संसाधन मंत्रालय बरकरार रखा।

2019 में बने थे पहली बार उप मुख्‍यमंत्री

23 नवंबर 2019 को पवार ने अपनी पार्टी की सहमति के बिना भाजपा के साथ महाराष्ट्र राज्य के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने एनसीपी विधायकों के हस्ताक्षर वाला कागज राज्य के राज्यपाल को सौंपा था। वह 80 घंटे से भी कम समय तक इस पद पर रहे और देवेन्द्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली सरकार में सबसे कम कार्यकाल में डिप्टी सीएम बने। 1 दिसंबर 2019 के दिन यह घोषणा की गई कि 16 दिसंबर को राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद पवार महा विकास अघाड़ी प्रशासन के लिए उप मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे।

जन्‍म, परिवार, शिक्षा और करियर

अजित पवार का जन्म 22 जुलाई 1959 को अहमदनगर जिले के देवलाली प्रवरा में उनके दादा के घर पर हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा देवलाली प्रवरा में पूरी की। वह पुणे जिले के बारामती तालुका के काटेवाड़ी गांव के रहने वाले हैं। वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे हैं। पवार शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं। अनंतराव ने शुरुआत में मुंबई में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता वी.शांताराम के राजकमल स्टूडियो के लिए काम किया था। पवार के दादा, गोविंदराव पवार, बारामती सहकारी व्यापार में कार्यरत थे और उनकी दादी परिवार के खेत की देखभाल करती थीं। अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने अपने परिवार की देखभाल में मदद करने के लिए पढ़ाई छोड़ दी। उन्होंने माध्यमिक विद्यालय स्तर तक शिक्षा प्राप्त की है और उनके पास महाराष्ट्र राज्य बोर्ड से माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र (एसएससी) है। जब वे देवलाली प्रवरा में अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर रहे थे तब उनके चाचा शरद पवार सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में एक उभरते हुए राजनीतिक व्यक्ति थे। आगामी शिक्षा के लिए वे बंबई चले गए थे।

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