9 Years of Modi Government: आगामी 23 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल को 4 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी प्रचंड बहुमत से लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे। इससे पहले वे 2014 में देश की जनता द्वारा पहली बार प्रधानमंत्री चुने गए थे। इस प्रकार उन्हें बतौर प्रधानमंत्री अब कुल 9 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इस अवसर पढ़ें यह विशेष रिपोर्ट जिसमें हम आपको बताएंगे कि 2014 से 2023 तक साल-दर-साल मोदी सरकार के सामने क्या चुनौतियां रहीं, क्या सफलताएं मिलीं और क्या नवाचार सामने आए।
सत्ता में मोदी के 22 वर्ष
एक राष्ट्राध्यक्ष के रूप में उनकी करीब एक दशक की यह यात्रा बहुआयामी और बहुअर्थी रही है। सत्ता की ही बात करें तो उनको 22 वर्ष हो गए हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने 2001 में दायित्व संभाला था। इसके बाद वे लगातार तीन बार मुख्यमंत्री चुने गए और जब राष्ट्र प्रमुख बने तब भी उनके दो कार्यकाल लगातार हुए हैं। भारतीय राजनीति के इतिहास में यह गौरवपूर्ण उपलब्धि पाने वाले वे पहले व्यक्ति हैं। अब केंद्र में उन्हें 9 साल पूरे हो रहे हैं।
भूकंप त्रासदी से गुजरात को उबारा
जब मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी ने गुजरात संभाला था तब 2001 में राज्य विनाशकारी भूकंप की विभीषिका झेल रहा था। उजड़े हुए राज्य को संवारने का बीड़ा उठाकर मोदी ने अपनी अलग ही पहचान बना ली। इसके बाद आगामी दोनों कार्यकाल में उन्होंने गुजरात में निवेश सम्मेलन सफलतापूर्वक करवाए और गुजरात में व्यापक विकास कार्य करवाकर जल्द ही राज्य को देश के उन्नत, विकसित एवं प्रगतिशील राज्यों की कतार में ला खड़ा किया। ठीक ऐसा ही प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में भी हुआ।
नवाचारों की लगातार श्रृंखला
2015 में मोदी ने नवाचार आरंभ किया। गांधी जयंती से उन्होंने देश में स्वच्छता मिशन के रूप में एक नए आंदोलन का सूत्रपात किया। बीते 9 वर्षों में यह एक विराट जन आंदोलन व जन जागरूकता की जीवन शैली बन चुका है। देश भर के शहर, गांव, कस्बे अब स्वयं को साफ रखने की होड़ में हैं और इसी बहाने देश स्वच्छ हो रहा है। हर साल स्वच्छता के पुरस्कार वितरित किए जाने का ध्येय भी इस क्रम को, इस लय को बनाए रखना है। मोदी ने उसी दौरान जन धन योजना लागू की और समाज के निम्न वर्ग के तबके को बैंकिंग सेक्टर की मुख्य धारा से जोड़ा।
देश में डिजिटल क्रांति
इसी दौरान सरकार ने देश में डिजिटल क्रांति का सूत्रपात किया। स्टार्ट अप इंडिया के तहत देश में स्वरोजगार के अवसर खुले और मुद्रा योजना के तहत लोन मिलना शुरू हुआ। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों लोग स्वयं के घर का सपना साकार कर सके जिसमें उन्हें ढाई लाख रुपए की सब्सिडी भी मिली। अब आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत भी देश का युवा स्व रोजगार के आयाम छू रहा है।
उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक
वर्ष 2016 में जब उरी आतंकी हमला हुआ तब देश भर में इसे लेकर गुस्सा था। मोदी सरकार की कुशल व त्वरित कार्यशैली के चलते भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक जैसे साहसिक व गौरवशाली ऑपरेशन को साकार किया। इस घटना के बाद देश ही नहीं, दुनिया में भी मोदी की छबि की स्वीकार्यता बढ़ी। इसी साल उन्होंने नोटबंदी जैसा बड़ा आर्थिक सुधार करके सबको चौंका दिया और काले धन के माफियाओं की कमर तोड़ दी। 2017 में जीएसटी को लागू करके एक बड़ा व्यापारिक सुधार किया।
ट्रंप से दोस्ती, हाउडी मोदी इवेंट, ग्लोबल लीडर बनकर उभरे
अमेरिका में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अमेरिका आमंत्रित किया। मोदी व ट्रंप की गले मिलने वाली तस्वीर पर पूरी दुनिया की नज़रें जम गईं। चूंकि मोदी एक दशक बाद अमेरिका की यात्रा पर थे और इसे उनकी कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा गया क्योंकि अमेरिका ने ही उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगाया था और स्वयं ही आमंत्रित किया। इससे मोदी की छबि ग्लोबल लीडर के रूप में मजबूत हुई। सितंबर 2019 में अमेरिका में हाउडी मोदी नाम का इवेंट हुआ जो कि मोदी की ग्लोबल लीडर होने की छबि को दर्शाता है।
सामाजिक और आर्थिक
2018 में मोदी ने तीन तलाक जैसी इस्लामिक कुप्रथा के खिलाफ कानून बनाया और संसद के दोनों सदनों यह पारित होकर कानून बना। मोदी सरकार ने ही देश में आधार कार्ड व पैन कार्ड को लिंक करने का अभियान शुरू जिससे हर नागरिक की पहचान सुनिश्चित हो गई। मोबाइल की फर्जी सिम,फर्जी बैंक खातों पर इससे अंकुश लगाने में सफलता मिली।
2019 में बड़ी उपलब्धियां
वर्ष 2019 में मोदी सरकार ने ऐतिहासिक सफलता पाई। इसमें कश्मीर से अनुच्छेद 370 का उन्मूलन और अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का अदालती फैसला शामिल है। इसी साल पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देश में 45 जवानों के बलिदान को लेकर आक्रोश था और प्रतिशोध की प्रबल उत्कंठा थी। सरकार के नेतृत्व में भारतीय वायुसेना ने 12 दिन बाद ही बालाकोट एयर स्ट्राइक कर आतंकी ठिकाने तबाह कर दिये और जवानों की शहादत का बदला ले लिया।
कोरोना महामारी और जनता की सुरक्षा
वर्ष 2020 फिर से बड़ी चुनौती लेकर आया जब कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया। खतरे को भांपते हुए मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन लगाया और एक बड़ी आबादी को घातक वायरस की चपेट में आने से बचा लिया। हालांकि विपक्षी दलों ने इस दौरान भी उन्हें बहुत परेशान करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपनी एकाग्रता बनाए रखी। संक्रमण का असर कम होने पर पाबंदियों के साथ देश में चरणबद्ध रूप से अनलॉक की शुरुआत हुई और अर्थव्यवस्था पटरी पर आई।
जनकल्याणकारी योजनाओं का अंबार
जब लॉकडाउन लगा था तब केंद्र सरकार ने जनता के लिए कई कल्याण कारी योजनाएं चलाईं। जन धन खातों में हर माह पैसे जमा करवाना, पीएम किसान योजना के तहत किसानों के खातों में 2 हजार रुपए की किश्त जमा करवाना, स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई एवं जनरल प्रमोशन देना, ईपीएफओ द्वारा कर्मचारियों को 75 फीसदी अग्रिम राशि का भुगतान किया जाना व आयकर सहित अन्य मामलों में समय-सीमा बढ़ाई जाना इनमें मुख्य रूप से उल्लेखनीय हैं। सरकार ने एक से अधिक बार आर्थिक पैकेज की घोषणा की और गरीब लोगों के लिए अन्नपूर्णा योजना के तहत मुफ्त राशन, उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर प्रदान किए गए।
श्रीराम मंदिर निर्माण का भूमिपूजन
इसी साल सरकार ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निमार्ण कार्य का भूमिपूजन करके यह साबित कर दिया कि उनके लिए जन जन के आराध्य प्रभु श्री राम का नाम महज चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि उनकी आराधना मुख्य ध्येय है। जनवरी 2021 में देश ने स्वदेशी वैक्सीन के रूप में बड़ी सफलता हासिल की और कोरोना महामारी से निपटने की तैयारी शुरू कर दी।
देशव्यापी टीकाकरण ने बनाया कीर्तिमान
हालांकि कोरोना की दूसरी प्रलंयकारी लहर में देश में बहुत जनहानि हुई लेकिन लहर के बाद देश में टीकाकरण अभियान ने गति पकड़ी और अब हमारा देश 100 करोड़ से अधिक डोज देने वाला दुनिया का अनोखा राष्ट्र बन चुका है।
पद्म पुरस्कारों की नई परिपाटी
2022 से 2023 के बीच मोदी सरकार ने पद्म पुरस्कारों को लेकर भी नवाचार किया है। अब समाज के जमीन से जुड़े उन लोगों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने कई क्षेत्रों में जन जागरूकता की मिसाल कायम की है। आज भारत दुनिया के प्रगतिशील व उन्नत राष्ट्रों में शुमार है। 2014 से लेकर 2023 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्ग में कई चुनौतियां आईं लेकिन उनके नवाचार में कमी नहीं आई है।